जो मच्छर से भी नहीं बचा सकता, ऐसे ईश्वर का क्या करें?


हुत पुरानी बात है। हमारे यहाँ बहुत मच्छर हो गए थे और मुझे मच्छरों से बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। फिर मुझे ध्यान आया कि इसका इलाज हमारे सर्वशक्तिमान के पास होगा। मैं मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि सभी जगह प्रार्थना के लिए गया। लेकिन वहाँ के पुजारी, मौलवी, पादरी आदि ने मुझे मूर्ख समझा, और कहा कि जा ऑलआउट या कछुआ छाप अगरबत्ती जला।

अतः वहां से निराश होकर, मैं कई सद्गुरुओं की शरण में गया, तो वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। सभी लोगों ने ऑलआउट और कछुआ छाप अगरबत्ती आदि उपयोग करने की ही सलाह दी। इस तरह मेरा काफी कीमती समय और पैसा बर्बाद हो गया। मैंने सोचा जो मच्छर तक से बचा नहीं सकता, भला ऐसे सर्वशक्तिमान का क्या फायदा।

अब बताओ कोई भी साधारण सूझबूझ वाला व्यक्ति नास्तिक ही तो बनेगा।

संतोष कुमार
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