ये
वो सवाल हैं जो आपको, हमको और हर तर्कशील व वैज्ञानिक सोच वाले इंसान को इस
रूढ़िवादी समाज से पूछना चाहिए। मुझे ये लिखना पड़ रहा है क्योंकि सरस्वती को शिक्षण संस्थानों में जबरदस्ती थोपा जा रहा है। जो शिक्षण संस्थान सरस्वती के बारे में कुछ नहीं जानते उन बच्चों को गलत और अवैज्ञानिक बातें सीखा कर यह रूढ़िवादी समाज देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यदि हमें अपने बच्चों को अंधभक्त और रूढ़िवादी बनने की जगह तर्कशील और वैज्ञानिक सोच वाला बनने में सहयोग करना है, तो ये सवाल आप आज से ही पूछना शुरू कीजिये।
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क्या सरस्वती गाने
गाती थी?
क्या ऊसका गाना हिट हुआ था?
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सरस्वती ने कितनी
और कौन सी किताबे लिखी?
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सरस्वती का शिक्षा
के क्षेत्र में योगदान क्या है?
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सरस्वती ने कितने
लोगो को कब और कैसे शिक्षित किया?
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सरस्वती को ज्ञान
(मतलब विद्द्या या जो भी आप समझते है) कहाँ से प्राप्त हुआ?
· क्या ब्रह्मा को
ज्ञान सरस्वती ने दिया? अगर नहीं तो
ब्रह्मा को ज्ञान कहाँ से मिला? या सरस्वती से पहले ब्रह्मा
के पास कोई ज्ञान नहीं था?
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सरस्वती ने कपड़े
(मतलब साड़ी) पहनना किस साल शुरू किया?
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क्या गैर
ब्राह्मणों को शिक्षा के अधिकार से सरस्वती ने वंचित किया?
·
अगर नहीं तो फिर
किसने किया?
· क्या सरस्वती
सिर्फ प्राइवेट स्कुल में ही शिक्षा बांटती है या सरकारी स्कुल भी सरस्वती के
प्रभाव क्षेत्र में है?
· जिन शिक्षण
संस्थानों में सरस्वती की पूजा नहीं होती वहीँ से ही सबसे अधिक होनहार छात्र क्यों
निकलते है?
·
सरस्वती अगर शिक्षा
(विद्द्या) देती है तो आखिर किस तरह?
· सरस्वती कौन कौन
से क्षेत्र में शिक्षा देती है? (जैसे कि
विज्ञान, संगीत, चिकित्सा या पुरातत्व
आदि)।
· सरस्वती शिक्षा
(ज्ञान/ बुद्धि जो भी आप बेहतर समझे) क्या जाति, धर्म या रंग देखकर देती है?
·
आखिर सरस्वती और
बाकियों को पुजवाने से फायदा किसको हुआ?
(वेदों में सरस्वती के समकालीन और सरस्वती से पूर्व भी कई लोगो का जिक्र
हुआ है। ये सभी लोग आपस में एक दूसरे को देव और देवी शब्द से संबोधित करते थे।
ऋग्वेद
में यज्ञो में परोसी जाने वाली मदिरा का जिक्र है और यज्ञो के बाद पैदा होने वाले
देवी देवताओ का जिक्र है। लोगो की हत्याओ के प्रयोजन के लिए होने का जिक्र भी
मिलेगा।)
सवाल
आसान है। उम्मीद तो नहीं है कि किसी पण्डे/ महंत/ पुजारी/ मठाधीश (ज्ञान का ठेका
इन्ही लोगो के पास जो है) में इतनी बुद्धि होगी फिर भी जवाब दे सके तो दे जरूर।
बाकी
अभी तक सरस्वती ब्रह्मा के रिश्तों पर कोई सवाल नहीं किया है तो गाली ज्ञान वाले
सरस्वती ब्रह्मा की संतान लोग कृपया गाली ज्ञान का प्रदर्शन न ही करें। शांति पूर्वक
विदा ले।
आज
शिक्षा के नाम पर सब कुछ विदेशों से आयात किया ही पढ़ रहे है। आज तक एक भी डॉक्टर,
इंजीनियर या वैज्ञानिक नहीं देखा सुना जिसने सिर्फ वेदों के अध्ययन
से शिक्षा प्राप्त की हो। यहाँ तक कि खुद को कट्टर ब्राह्मण कहने मानने वालों तक
के बच्चे अंग्रेजी स्कुलो में पढ़ रहे है।
विचार
को सभी लोगो तक पहुंचाए ताकि अन्धविश्वास और ब्राह्मणवाद के काले बादल इस देश से
हट जाए।
–
प्रणव एस. माली