क्यों कहते थे राहुल सांकृत्यायन कि ‘भागो नहीं दुनिया को बदलो’
अनुभवों से सीखने की क्षमता से और किसी भी पद्धति कि कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लेने वाले एकमात्र महा…
अनुभवों से सीखने की क्षमता से और किसी भी पद्धति कि कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लेने वाले एकमात्र महा…
महेंद्र कुमार अपने फेसबुक प्रोफाइल में लिखते हैं, " रिलेशनशिप मुक्त , संतान मुक्त , धर्म मुक…
जिद्दु कृष्णमूर्ति का असली चमत्कार भारतीयों को भारतीयों की भाषा में समझाया नहीं गया है। उनके ग…
यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार…
अशुभ यानि कि मैं, विवाहमुक्त , शिशुमुक्त , धर्ममुक्त , क्रूरता मुक्त और कम से कम कपड़े पहनन…
हमारे आस-पास अस्तिकता का इतना गहरा जाल है कि तर्क पैदा ही नही होने देते। ईश्वर नाम का प्रो…
भारत में तर्कशील आन्दोलन कोई नया नहीं है। प्राचीन काल से चार्वाक, बुद्ध जैसे लोग तर्कशीलता पर तथा…
भारत में धार्मिक रीति रिवाजों की परंपराओं को निभाने की जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर थोपा हुआ है। महि…
यह महज इत्तेफाक ही है कि 14 मार्च का दिन विश्व के दो महान वैज्ञानिकों की यादों से जुड़ा हुआ ह…
दुनिया के तमाम मज़हब के ठेकेदार लालच का सबक़ जरूर देते हैं और लालच उसी को दी जाती है जिससे अ…
यह एक तथ्य है कि प्राचीन काल से ही भारत और दुनिया के अन्य देशों में नास्तिक रहे हैं। भारत में गौत…
फ्रांसिस बेकन ने जब मिथकों के खिलाफ झंडा बुलंद किया तो घोषणा की थी कि साइंस इंसानियत को भविष्…
ब हुत सारे मित्रों की यह फरियाद रहती है, कि यार! हम तो नास्तिक हैं , ईश्वर को नहीं मानते, लेकि…