क्यों कहते थे राहुल सांकृत्यायन कि ‘भागो नहीं दुनिया को बदलो’
अनुभवों से सीखने की क्षमता से और किसी भी पद्धति कि कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लेने वाले एकमात्र महा…
अनुभवों से सीखने की क्षमता से और किसी भी पद्धति कि कोई औपचारिक शिक्षा नहीं लेने वाले एकमात्र महा…
एक गाँव में दुनिया के सभी धर्मो के लोग रहते थे। धार्मिक लोग सुबह से शाम तक पूजा पाठ में व्यस्…
नास्तिकता या अनीश्वरवाद वह सिद्धांत है जो जगत् की सृष्टि करने वाले , इसका संचालन और नियंत्रण …
जिद्दु कृष्णमूर्ति का असली चमत्कार भारतीयों को भारतीयों की भाषा में समझाया नहीं गया है। उनके ग…
यह लेख काल्पनिक इंटरव्यू के आधार पर तैयार की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य अपने साथियों और जनता के ब…
हमारे धर्मों में ईश्वर की पूजा हो , मंदिरों - मस्जिदों की सजावट हो या दरगाह पर चढ़ने वाली चादरे…
आजकल देश के धार्मिक जगत में विज्ञान की धूम मची हुई है। हर कोई प्राचीन धर्मशास्त्रों की पुरान…
यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार…
एक चीज पर गौर किया आपने ? ये जितने भी दाढ़ी वाले बाबा सिद्ध-पुरुष , रजिस्टर्ड भगवान या योगी ह…
नास्तिकता बिल्कुल आसान नहीं होता है। यह इंसान की विचार-शक्ति का सबसे ऊँचा स्तर है। तर्क और ज्ञ…
जब बतौर इंसान हमारा जन्म होता है , हममें केवल दो ही डर होते हैं- शोर और ऊंचाई का डर। इसके अलाव…
एयर फोर्स में बचपन बीतने के कारण पता ही नहीं था कि हमारा समाज किस तरह जातिवाद का शिकार है। ऊँच…
अशुभ यानि कि मैं, विवाहमुक्त , शिशुमुक्त , धर्ममुक्त , क्रूरता मुक्त और कम से कम कपड़े पहनन…
हमारे आस-पास अस्तिकता का इतना गहरा जाल है कि तर्क पैदा ही नही होने देते। ईश्वर नाम का प्रो…
गिद्ध का बच्चा, अपने बाप से, “आज मुझे इंसान का मांस खाना है।” गिद्ध कहता है, “शाम को ला दू…
भारत में धार्मिक रीति रिवाजों की परंपराओं को निभाने की जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर थोपा हुआ है। महि…
यह एक तथ्य है कि प्राचीन काल से ही भारत और दुनिया के अन्य देशों में नास्तिक रहे हैं। भारत में गौत…